अच्छा
सुबह-सुबह की हवा सुहानी
और शाम की धूप
आंखों को जो शीतल कर दे
सुंदर है वह रूप
वर्षा अच्छी रिमझिम-रिमझिम
ज्यों प्रिय का संदेश
देश वही अच्छा जो लगता
नहीं कभी परदेश ।
अच्छा
सुबह-सुबह की हवा सुहानी
और शाम की धूप
आंखों को जो शीतल कर दे
सुंदर है वह रूप
वर्षा अच्छी रिमझिम-रिमझिम
ज्यों प्रिय का संदेश
देश वही अच्छा जो लगता
नहीं कभी परदेश ।
कविताएं/Poems में प्रकाशित किया गया | टैग: राजकिशोर
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