भवानी भाई की एक कविता
तारों से भरा आसमान ऊपर
तारों से भरा आसमान ऊपर
हृदय से हरा आदमी भू पर
होता रहता हूं रोमांचित
वह देख कर यह छूकर ।
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भवानी भाई की एक कविता
तारों से भरा आसमान ऊपर
तारों से भरा आसमान ऊपर
हृदय से हरा आदमी भू पर
होता रहता हूं रोमांचित
वह देख कर यह छूकर ।
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बिना श्रेणी में प्रकाशित किया गया
वाह क्या अभिव्यक्ती है…
वह देख कर यह छूकर ।
शानू
By: सुनीता(शानू) on जून 29, 2007
at 1:44 अपराह्न