उदासी के रंग
उदासी भी
एक पक्का रंग है जीवन का
उदासी के भी तमाम रंग होते हैं
जैसे
फ़क्कड़ जोगिया
पतझरी भूरा
फीका मटमैला
आसमानी नीला
वीरान हरा
बर्फ़ीला सफ़ेद
बुझता लाल
बीमार पीला
कभी-कभी धोखा होता
उल्लास के इंद्रधनुषी रंगों से खेलते वक्त
कि कहीं वे
किन्हीं उदासियों से ही
छीने हुए रंग तो नहीं हैं ?
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( समकालीन सृजन के ‘कविता इस समय’ अंक से साभार )
बहुत ही अच्छी है.
By: rajni,bhargava on अगस्त 2, 2007
at 2:46 अपराह्न
अद्भुत कविता है । फिर से अनुरोध करूंगा, एकांत श्रीवास्तव की रंगों पर लिखी कविताएं अगर मिल जाएं तो मज़ा आ जायेगा ।
By: yunus on अगस्त 2, 2007
at 3:06 अपराह्न
बेहद सुंदर.. उदासी के भी अपने रंग होते हैं.. जीवन अधूरा है इन रंगों के बिना..
By: manya on अगस्त 2, 2007
at 6:10 अपराह्न
कितने रंगों की उदासी
उसमें भी पसंदीदा एक रंग
जब तक मैला ना हो
वही पहन लड़ते हैं जिंदगी की जंग
By: Beji on अगस्त 2, 2007
at 6:19 अपराह्न
आप को पढ़ना ही पड़ता है। चुन-चुन के छाप दो रहे हैं। अच्छा कर रहे हैं।
कभी-कभी कवि का थोड़ा-बहुत परिचय भी दें।
By: बोधिसत्व on अगस्त 2, 2007
at 7:19 अपराह्न
अहहा, क्या रंग बताये है उदासी के, बहुत खूब. आभार कविता पढ़वाने का.
By: समीर लाल on अगस्त 3, 2007
at 12:41 पूर्वाह्न
कुछ न कहो
By: दीपक सेन on सितम्बर 19, 2007
at 6:24 पूर्वाह्न