आपका ब्लोग बहुत अच्छा लगा.
ऎसेही लिखेते रहिये.
क्यों न आप अपना ब्लोग ब्लोगअड्डा में शामिल कर के अपने विचार ऒंर लोगों तक पहुंचाते.
जो हमे अच्छा लगे.
वो सबको पता चले.
ऎसा छोटासा प्रयास है.
हमारे इस प्रयास में.
आप भी शामिल हो जाइयॆ.
एक बार ब्लोग अड्डा में आके देखिये.
By: deepanjali on सितम्बर 24, 2007 at 9:36 पूर्वाह्न
वाह!
कविता छोटी है
पर समेटे बहुत मर्म है!
By: ज्ञानदत्त पाण्डेय on सितम्बर 22, 2007
at 11:21 पूर्वाह्न
प्रियांकर जी ,छोटी सी कविता में बहुत बड़ी बात कह दी आपने ….अच्छे बिचार है …अच्छा लगा आपको पढना ….बधाई .हमारे ब्लोग पे भी आपका स्वागत है .
By: राज यादव on सितम्बर 22, 2007
at 5:59 अपराह्न
आपका ब्लोग बहुत अच्छा लगा.
ऎसेही लिखेते रहिये.
क्यों न आप अपना ब्लोग ब्लोगअड्डा में शामिल कर के अपने विचार ऒंर लोगों तक पहुंचाते.
जो हमे अच्छा लगे.
वो सबको पता चले.
ऎसा छोटासा प्रयास है.
हमारे इस प्रयास में.
आप भी शामिल हो जाइयॆ.
एक बार ब्लोग अड्डा में आके देखिये.
By: deepanjali on सितम्बर 24, 2007
at 9:36 पूर्वाह्न