तोमास त्रान्सत्रोमर
एक मौत के बाद
पहले वहाँ एक सदमा था
जिसने पीछे छोड़ दी थी एक लंबी, झिलमिलाती पूँछ पुच्छलतारे की
यह हमें रखती है अंतर्मुखी, बना देती है टीवी की तस्वीरों को बर्फ की तरह सर्द
यह जम जाती है टेलीफोन के तारों की ठंडी बूँदों में
शीत की धूप में अब भी की जा सकती है स्की धीरे-धीरे
ब्रश के माध्यम से जहाँ कुछ पत्तियाँ लटकी हैं
वे लगती हैं जैसे पुरानी टेलीफोन निर्देशिकाओं के फटे पन्ने
नाम जिन्हें ठंड ने निगल लिया है
दिल की धड़कन सुनना अब भी कितना सुंदर है
पर अकसर परछाईं शरीर की तुलना में अधिक सच लगती है
समुराई पिद्दी-सा लग रहा है
काले अजगर जैसे शल्कवाले अपने कवच के बगल में ।
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हिंदी अनुवाद : प्रियंकर पालीवाल
पहले यहां एक सदमा था, और अब? एक अजब उजाड़ का बर्फ़ीला माहौल जो अंतर्मुखीपन के आलावा कुछ दे ही नहीं सकता.
By: मोहन श्रोत्रिय on अक्टूबर 31, 2011
at 3:20 अपराह्न
bahut sundar anuvaad!
By: Reenu on अक्टूबर 31, 2011
at 6:10 अपराह्न
Very good.
By: sapekchha on नवम्बर 1, 2011
at 11:53 पूर्वाह्न