Posted by: PRIYANKAR | मार्च 26, 2014

करि पाखण्ड रिझाया लोग ……. / गुरु गोरखनाथ

सांग का पूरा ग्यान का ऊरा , पेट का तूटा डिंभ का सूरा 
बदन्त गोरखनाथ न पाया जोग , करि पाखंड रिझाया लोग । 

( जो स्वांग करने में पूरा और ज्ञान में अधूरा है ,जिसका पेट खाली है (बड़ा पेट जिसमें समाता बहुत है) और जो दंभ करने में शूर-वीर है,गोरख कहते हैं उसे योग नहीं प्राप्त होता । वह केवल पाखंड कर लोगों को प्रसन्न करना जानता है । ) 

— गुरु गोरखनाथ ( 11 वीं/12वीं शताब्दी)


प्रतिक्रियाएँ

  1. सुन्दर ज्ञान।

  2. Howdy just wanted to give you a brief heads up and let you know a few of the images aren’t loading
    properly. I’m not sure why but I think its a linking issue.
    I’ve tried it in two different browsers and both show the same results.


टिप्पणी करे

श्रेणी