प्रार्थना -1
नहीं नहीं प्रभु तुमसे
शक्ति नहीं मांगूंगा।
अर्जित करूंगा उसे मरकर बिखरकर
आज नहीं कल सही आऊंगा उबरकर
कुचल भी गया तो लज्जा किस बात की
रोकूंगा पहाड़ गिरता
शरण नहीं मांगूंगा
नहीं नहीं प्रभु तुमसे
शक्ति नहीं मांगूंगा।
कब मांगी गंध तुमसे गंधहीन फूल ने
कब मांगी कोमलता तीखे खिंचे शूल ने
तुमने जो दिया दिया
अब जो है मेरा है।
सोओ तुम व्यथा रैन अब मैं ही जागूंगा।
नहीं नहीं प्रभु तुमसे
शक्ति नहीं मांगूंगा।
***
Behtrin
By: Vijay das on नवम्बर 10, 2017
at 6:56 अपराह्न
बेहतरीन
बहुत खूब!
HindiPanda
By: अनु अनूप on मार्च 29, 2019
at 3:50 पूर्वाह्न