Posted by: PRIYANKAR | जुलाई 18, 2008

अब मैं सूरज को नहीं डूबने दूंगा

   (1927-1983)

सर्वेश्वरदयाल सक्सेना की एक कविता

 

सूरज को नही डूबने दूंगा

 

अब मैं सूरज को नहीं डूबने दूंगा ।

देखो मैंने कंधे चौडे कर लिये हैं

मुट्ठियाँ मजबूत कर ली हैं

और ढलान पर एडियाँ जमाकर

खडा होना मैंने सीख लिया है ।

घबराओ मत

मैं क्षितिज पर जा रहा हूँ ।

सूरज ठीक जब पहाडी से लुढ़कने लगेगा

मै कंधे अडा दूंगा

देखना वह वहीं ठहरा होगा ।

अब मैं सूरज को नहीं डूबने दूंगा ।

मैने सुना है उसके रथ में तुम हो

तुम्हें मैं उतार लाना चाहता हूं

तुम जो स्वाधीनता की प्रतिमा हो

तुम जो साहस की मूर्ति हो

तुम जो धरती का सुख हो

तुम जो कालातीत प्यार हो

तुम जो मेरी धमनी का प्रवाह हो

तुम जो मेरी चेतना का विस्तार हो

तुम्हें मैं उस रथ से उतार लाना चाहता हूं ।

रथ के घोडे

आग उगलते रहें

अब पहिये टस से मस नही होंगे

मैंने अपने कंधे चौडे कर लिये हैं ।

कौन रोकेगा तुम्हें

मैंने धरती बडी कर ली है

अन्न की सुनहरी बालियों से

मैं तुम्हें सजाऊँगा

मैंने सीना खोल लिया है

प्यार के गीतों में मैं तुम्हें गाऊंगा

मैंने दृष्टि बडी कर ली है

हर आखों में तुम्हें सपनों सा फहराऊंगा ।

सूरज जाएगा भी तो कहाँ

उसे यहीं रहना होगा

यहीं हमारी सांसों में

हमारी रगों में

हमारे संकल्पों में हमारे रतजगों में

तुम उदास मत होओ

अब मैं किसी भी सूरज को

नहीं डूबने दूंगा ।

 

****

Advertisement

Responses

  1. इतनी उम्दा कविता पढवाने के लिए शुक्रिया।

  2. हमेशा से मेरी प्रियतम रचनाओं में शुमार. क्या ग़ज़ब की रूमानियत और कविता का हौसला.

    मरहबा!

  3. ओह, यह तो नसों में जोश भरती कविता है। नैराश्य छंट रहा है पढ़ कर!

  4. अद्भुत

  5. वाह. मेरी प्रिय कविताओं में से. अगर ‘क्‍या कहकर पुकारूं’ है, तो पढ़ाएं यहां.
    बरसों पहले मेरी प्रति कोई यार मार ले गया.

  6. यह कविता मैने पढ़ी हुई है। साहित्य युगान्तकारी होता है। यह कविता हर काल में उत्साह का संचार करने वाली है। इसको पढ़वाने के लिए आभार।

  7. बहुत ही बेहतरीन ..

  8. achchi kavita hai

    http://vipinkizindagi.blogspot.com

  9. शानदार कविता। पहली बार पढ़ी। वाकई हौसला बढ़ानेवाली कविता।

  10. अति सुंदर …आपका बहुत धन्यवाद

  11. प्रस्तुत करने का आभार. आनन्द आ गया.


एक उत्तर दें

Fill in your details below or click an icon to log in:

WordPress.com Logo

You are commenting using your WordPress.com account. Log Out /  बदले )

Twitter picture

You are commenting using your Twitter account. Log Out /  बदले )

Facebook photo

You are commenting using your Facebook account. Log Out /  बदले )

Connecting to %s

श्रेणी

%d bloggers like this: