इस पृष्ठ पर
इस पृष्ठ पर कोई धमाका नहीं है
तेज-तेज ध्वनियों का
इस पृष्ठ पर कोई धमाका नहीं है
बम्पर लॉटरी का
इस पृष्ठ पर नहीं है
कोई धमाकेदार विज्ञापन
इस पृष्ठ पर धमाके के साथ
नहीं फूट रहे हैं बम
इस पृष्ठ पर कोई
धमाका नहीं करने जा रहे
हैं हम
इस पृष्ठ को हम रखने
जा रहे हैं सादा
देखें इसमें क्या
अंकित करते हैं आप !
********
( समकालीन सृजन के ‘कविता इस समय’ अंक से साभार )
इस रचना पर कोई टिप्पणी
नहीं करने जा रहे हैं हम…
देखें बिन कहे क्या..
समझते हैं आप…
🙂
By: manya on मार्च 20, 2007
at 9:56 पूर्वाह्न
acchi hai kavita lekin
aasan nahi samajhna,
lekhak ki suktiyon mein
hai kyon bhala ulajhna?
By: Arvind on मार्च 20, 2007
at 2:09 अपराह्न
इस पृष्ठ को हम रखने
जा रहे हैं सादा
फिर क्यूँ तोड़ दिया
यह वादा….
इतने बढ़िया शब्द सजा कर
सुंदर कविता दी छाप
फिर पूछते हो कि
देखें इसमें क्या अंकित करते हैं आप
—बहुत खूब! बधाई
By: समीर लाल on मार्च 20, 2007
at 3:47 अपराह्न
सोचा छोड दूं,
पर मन-परिवर्तित करता हुं,
लिख कर दो पंक्तिया,
उपस्थिति अंकित करता हुं।।
आशा है, आपका पन्ना
कोरा शेष रहेगा,
कुछ लिखा दिखा तो मेरा,
ना दोष विशेष रहेगा।
By: विशाल सिंह on मार्च 22, 2007
at 11:34 पूर्वाह्न
अच्छा है! इसे सादा ही रहने दो!
By: अनूप शुक्ला on मार्च 24, 2007
at 2:55 पूर्वाह्न
कहने को क्या बाकी रहता,
जब मौन ही सब कुछ कह देता!
By: Rachana on मार्च 29, 2007
at 5:13 अपराह्न