Posted by: PRIYANKAR | मार्च 20, 2007

इस पृष्ठ पर : प्रयाग शुक्ल की एक कविता

इस पृष्ठ पर

 

इस पृष्ठ पर कोई धमाका नहीं है

तेज-तेज ध्वनियों का

इस पृष्ठ पर कोई धमाका नहीं है

बम्पर लॉटरी का

 

इस पृष्ठ पर नहीं है

कोई धमाकेदार विज्ञापन

इस पृष्ठ पर धमाके के साथ

नहीं फूट रहे हैं बम

इस पृष्ठ पर कोई

धमाका नहीं करने जा रहे

हैं हम

 

इस पृष्ठ को हम रखने

जा रहे हैं सादा

देखें इसमें क्या

अंकित करते हैं आप !

 

********

 

( समकालीन सृजन के ‘कविता इस समय’ अंक से साभार )


प्रतिक्रियाएँ

  1. इस रचना पर कोई टिप्पणी
    नहीं करने जा रहे हैं हम…
    देखें बिन कहे क्या..
    समझते हैं आप…
    🙂

  2. acchi hai kavita lekin
    aasan nahi samajhna,
    lekhak ki suktiyon mein
    hai kyon bhala ulajhna?

  3. इस पृष्ठ को हम रखने
    जा रहे हैं सादा

    फिर क्यूँ तोड़ दिया
    यह वादा….

    इतने बढ़िया शब्द सजा कर
    सुंदर कविता दी छाप
    फिर पूछते हो कि
    देखें इसमें क्या अंकित करते हैं आप

    —बहुत खूब! बधाई

  4. सोचा छोड दूं,
    पर मन-परिवर्तित करता हुं,
    लिख कर दो पंक्तिया,
    उपस्थिति अंकित करता हुं।।

    आशा है, आपका पन्ना
    कोरा शेष रहेगा,
    कुछ लिखा दिखा तो मेरा,
    ना दोष विशेष रहेगा।

  5. अच्छा है! इसे सादा ही रहने दो!

  6. कहने को क्या बाकी रहता,
    जब मौन ही सब कुछ कह देता!


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